iti k baad kya kare

ITI ke baad kya kare?

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दोस्तों, अगर आप आई टी आई कर रहे हैं, या फिर आपने भविष्य में आईटीआई करने का विचार किया है, तो कभी ना कभी यह प्रश्न आपके मन में अवश्य आया होगा के ‘ITI ke baad kya kare?’ इस पोस्ट में हम यही जानने का प्रयास करेंगे। सबसे पहले तो आप लोगों को मैं आईटीआई के बारे में थोडा परिचय देना चाहूँगा। आईटीआई, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का संछिप्त नाम है. आईटीआई का डिप्लोमा 10वीं क्लास के बाद किया जा सकता है। कोर्स की अवधि अलग अलग ट्रेड्स के लिए अलग अलग होती है. कुछ कोर्स 6 महीने के, कुछ 1 साल के तथा कुछ कोर्स 2 साल के हो सकते हैं. ITI ke baad अपनी ट्रेड्स के अनुसार इंडस्ट्रीज में जॉब मिल सकती है. कुछ पॉपुलर आईटीआई ट्रेड्स की लिस्ट यहाँ दी जा रही है :

ऊपर दिए गए ट्रेड्स के अलावा सैकड़ों ट्रेड्स उपलब्ध हैं जिन्हें स्टूडेंट्स अपनी रूचि के अनुसार चुन सकते हैं और आईटीआई का कौर्स कर सकते हैं. आईटीआई के बाद आपके लिए कौन कौन से मार्ग खुलते हैं इस पोस्ट में जानने का प्रयास करेंगे.  

आईटीआई के बाद उच्च शिक्षा :

ITI ke baad kya kare?, ‘उच्च शिक्षा’ इस प्रश्न का सबसे आसान उत्तर है। वैसे तो उच्च शिक्षा के लिए कई सारे विकल्प मौजूद हैं किन्तु तकनीकी के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए आईटीआई के बाद मुख्यतः निम्न विकल्प उपलब्ध है –

  • पॉलिटेक्निक कोर्स
  • एटीआई/सीटीआई कोर्स

पॉलिटेक्निक कोर्स :

आईटीआई का कोर्स करने के बाद अगर आप अपनी skill को और निखारना चाहते हैं तो उच्च शिक्षा की ओर जा सकते हैं. उच्च शिक्षा के लिए आप पॉलिटेक्निक का डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. पॉलिटेक्निक का डिप्लोमा 3 साल का होता है. इसमें कुल 6 सेमेस्टर होते हैं. आईटीआई के बाद आपको पॉलिटेक्निक में सीधे दुसरे सेमेस्टर में लेटरल एंट्री के माध्यम से दाखिला मिल जाता है.

Pros :

  • पॉलिटेक्निक कोर्स के बाद आपको ज्यादा बेहतर जॉब ऑफर मिल सकती है.
  • अपनी ट्रेड्स में आप ज्यादा ज्ञान प्राप्त कर, ज्यादा हुनरमंद हो सकते हैं.
  • पॉलिटैक्निक कोर्स के बाद अगर और Study करनी हो तो Engineering मे एड्मिशन लिया जा सकता है।

Cons:

  • पॉलिटेक्निक का डिप्लोमा 3 साल का होता है, इस कारण जिन्हें जल्दी जॉब की जरुर है उनको करने में प्रॉब्लम आ सकती है.
  • आईटीआई की अपेक्षा पॉलिटेक्निक का कोर्स ज्यादा महंगा हो सकता है.

एटीआई/सीटीआई कोर्स :

पॉलिटेक्निक के अतिरिक्त यह एक और उच्च शिक्षा का ऑप्शन है. आप आईटीआई के बाद cti कर सकते हैं. यह एक साल का कोर्स है जो भारत के कुछ चुनिन्दा जगहों पर स्थित उच्च प्रशिक्षण संस्थानों ATI/CTI/NSTI में करवाया जाता है. इस कोर्स को करने के बाद आपको आईटीआई में प्रशिक्षक के तौर पर कार्य मिलने की सम्भावना बड़ जाती है. कई सारे राज्यों में तो आईटीआई में प्रशिक्षक बनने के लिए ये कोर्स एक अनिवार्य योग्यता है.

Pors :

  • आईटीआई प्रशिक्षक का कार्य खोजने में आसानी होती है.
  • एक साल के इस कोर्स में अपनी स्किल्स को और अधिक शार्प किया जा सकता है।

Cons :

  • ट्रेनिंग संस्थान सिर्फ कुछ जगहों पर ही हैं.
  • सिर्फ आईटीआई प्रशिक्षक के कार्य के लिए ही उपयोगी कोर्स है.

आईटीआई के बाद जॉब/रोजगार:

अधिकतर आईटीआई के स्टूडेंट्स द्वारा चुना जाने वाला ये सबसे पॉपुलर विकल्प है. ऐसे स्टूडेंट्स जिन्हें पैसे की ज्यादा जरुरत है जो आर्थिक रूप से ज्यादा स्ट्रांग नहीं हैं उन्हें आईटीआई के अंतिम सेमेस्टर/वर्ष से या कोर्स खत्म होते ही जॉब सर्च करने के प्रयास करने चाहिए. जॉब सर्च करने के लिए उन्हें आईटीआई में आयोजित होने वाले सभी कैंपस एक्टिविटी में हिस्सा लेना चाहिए. इसके साथ ही अपने आस पास के सभी इंडस्ट्रियल एरिया में जॉब सर्च करना चाहिए.

Pros :

  • इस आप्शन को चुनने का सबसे बड़ा फायदा ये है की आप आत्मनिर्भर बनते हैं।
  • आप जल्दी ही अनुभव प्राप्त कर अपने लिए और अच्छा जॉब सर्च कर सकते हैं।

Cons :

  • शुरुआत में आईटीआई के ठीक बाद जॉब मिलने में कभी कभी कठिनाई आ सकती है.
  • शुरुआत के जॉब्स अंडरपेड (बहुत कम सैलरी वाले) हो सकते हैं.
  • कभी कभी जॉब के लिए अपने शहर से दूर भी जन पड़ सकता है.

आईटीआई के बाद अप्रेंटिसशिप:

Apprenticeship (Apprenticeship के बारे में जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें )एक प्रकार की ट्रेनिंग है जो की जॉब के साथ होती है. Apprenticeship ट्रेनिंग में आप किसी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग ना कर सीधे किसी प्रतिष्ठान में ट्रेनिग करते हैं. अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग में आपको ट्रेनिंग के दौरान stipend भी मिलता है. यह विकल्प उन लोगों के लिए अच्छा है जो हायर स्टडीज में नहीं जाना चाहते और जिन्हें जॉब search करने में कठिनाई आ रही है. अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग कम्पलीट करने के बाद आपको स्किल्ड वर्कर का सर्टिफिकेट मिलता है. और ट्रेनिंग के बाद जॉब मिलने में आसानी होती है.

Pros :

  • अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग में stipend मिलता है जिससे स्टूडेंट्स को फाइनेंसिंयल हेल्प होती है।
  • Apprenticeship ट्रेनिंग आपको वर्क एनवायरनमेंट की रीयल फील देती है।
  • ट्रेनिंग के बाद जॉब सर्च करना आसान होता है ।

Cons :

  • कभी कभी प्रतिष्ठान में आपको ऐसे काम भी करने पड़ सकते हैं जो आपकी ट्रेड से सम्बन्धित ना हों।
  • Apprenticeship के लिए कभी कभी अपने शहर से दूर भी जाना पड़ सकता है।

आईटीआई के बाद स्वरोजगार:

स्वरोजगार का आप्शन आईटीआई के स्टूडेंट्स के लिए सबसे बेस्ट आप्शन है. किन्तु यह सबसे कठिन आप्शन भी है. स्टूडेंट आईटीआई के कोर्स के दौरान अपने स्किल को डेवलप कर अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते हैं. इसके लिए वे सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न लोन स्कीम की मदद से लोन लेकर अपने काम की शुरुआत कर सकते हैं।

Pros :

  • स्वरोजगार का सबसे बड़ा फायदा ये है की आप अपने साथ साथ किसी और के लिए भी रोजगार का इंतजाम कर सकते हैं।

Cons :

  • स्वरोजगार में रिस्क फैक्टर इन्वोल्व होता है. इस कारण कभी कभी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

ये ‘ITI ke baad kya kare?’ इस प्रश्न के कुछ विकल्प थे. आप इसमें से किसी भी टॉपिक के बारे में,या इसके अलावा आईटीआई से सम्बन्धित किसी अन्य टॉपिक के बारे में और जानना चाहते हैं तो comment सेक्शन में लिख सकते हैं.

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